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New Income Tax Bill 2025: नए इनकम टैक्स बिल में क्या है खास, 10 प्वाइंट्स में समझिए पूरी बात

New Income Tax Bill 2025: क्या है खास, जानिए 10 मुख्य बिंदुओं में

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में लोकसभा में नया इनकम टैक्स बिल 2025 पेश किया है, जो भारत में टैक्स प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाने का लक्ष्य रखता है। यह बिल पुराने टैक्स कानून की जटिलताओं को दूर करता है, जिससे टैक्सपेयर्स को टैक्स भरने और फाइलिंग की प्रक्रिया समझने में आसानी होगी।

आइए, जानते हैं इस नए इनकम टैक्स बिल के 10 मुख्य बिंदुओं के बारे में:


प्वाइंट 1: नया बिल क्यों जरूरी था?

सरकार ने मौजूदा इनकम टैक्स कानून में जटिलताओं को समाप्त करने के लिए नया बिल पेश किया है। पुराने कानून में कई अनुपयोगी और जटिल प्रावधान थे, जो टैक्सपेयर्स के लिए परेशानी का कारण बनते थे। इस नए बिल का उद्देश्य कर प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाना है।


प्वाइंट 2: पन्नों की संख्या घटी, अब होगा आसान!

पुराने इनकम टैक्स कानून में 880 पन्ने थे, जबकि नए बिल में इसे घटाकर 622 पन्ने कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अब टैक्सपेयर्स को कम पन्नों में अधिक स्पष्ट जानकारी मिलेगी।


प्वाइंट 3: टैक्स कानून की भाषा हुई सरल

पहले टैक्स कानून में बहुत सारे जटिल कानूनी शब्दों का इस्तेमाल होता था, जो आम जनता के लिए समझना मुश्किल था। अब इस कानून को सरल और स्पष्ट भाषा में लिखा गया है, जिससे आम लोग भी इसे आसानी से समझ सकेंगे।


प्वाइंट 4: अब होगा ‘टैक्स ईयर’!

पहले टैक्स सिस्टम में ‘असेसमेंट ईयर’ का इस्तेमाल होता था, जो कई लोगों के लिए भ्रमित करने वाला था। अब इसे बदलकर ‘टैक्स ईयर’ रखा गया है, जो 1 अप्रैल से 31 मार्च तक रहेगा। इससे टैक्स प्रणाली को समझना आसान हो जाएगा।


प्वाइंट 5: डिजिटल एसेट्स पर भी टैक्स लगेगा!

अब क्रिप्टोकरेंसी और अन्य डिजिटल एसेट्स को ‘कैपिटल एसेट’ माना जाएगा और उन पर टैक्स लगाया जाएगा। इससे डिजिटल संपत्तियों के टैक्सेशन में अधिक स्पष्टता आएगी।


प्वाइंट 6: TDS और टैक्सेशन हुआ आसान!

TDS और प्रिजम्प्टिव टैक्सेशन (Presumptive Taxation) को अब टेबल फॉर्मेट में रखा गया है। इससे टैक्सपेयर्स को यह समझने में आसानी होगी कि उन्हें कितना टैक्स देना है।


प्वाइंट 7: टैक्स विवाद जल्दी सुलझेंगे!

अब टैक्स विवादों को जल्दी हल करने के लिए DRP (Dispute Resolution Panel) का स्पष्ट रूप से निर्णय लिया जाएगा। इससे टैक्सपेयर्स को राहत मिलेगी और विवादों का समाधान तेजी से होगा।


प्वाइंट 8: पुरानी टैक्स व्यवस्था अभी भी रहेगी!

सरकार ने नया टैक्स रिजीम पेश किया है, लेकिन ओल्ड टैक्स रिजीम को पूरी तरह से समाप्त नहीं किया जाएगा। इसका मतलब है कि दोनों टैक्स सिस्टम एक साथ चलेंगे और टैक्सपेयर्स को अपनी जरूरतों के अनुसार विकल्प मिलेगा।


प्वाइंट 9: लंबित टैक्स असेसमेंट खत्म नहीं होंगे!

यह बिल पुराने लंबित टैक्स असेसमेंट को खत्म नहीं करेगा। इन लंबित मामलों का निपटारा पुरानी व्यवस्था के अनुसार ही किया जाएगा।


प्वाइंट 10: नया बिल कब बनेगा कानून?

यह बिल अब लोकसभा से पास हो चुका है और संसदीय समिति के पास भेजा जाएगा। सिफारिशों के बाद इसे संसद में पेश किया जाएगा। संसद से मंजूरी मिलने के बाद और राष्ट्रपति की सहमति मिलने पर यह नया इनकम टैक्स कानून लागू हो जाएगा।


निष्कर्ष:

यह नया इनकम टैक्स बिल टैक्सपेयर्स के लिए एक सकारात्मक कदम है, क्योंकि यह न केवल सिस्टम को सरल और पारदर्शी बनाएगा, बल्कि टैक्स फाइलिंग को भी आसान बनाएगा। आपको क्या लगता है, क्या यह नया बिल टैक्सपेयर्स के लिए राहत लेकर आएगा या कुछ अन्य समस्याएं पैदा करेगा? हमें कमेंट सेक्शन में बताएं!

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