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PM मोदी ने फ्रांस के मार्सिले में वीर सावरकर को क्यों किया याद? वजह आपको हैरान कर देगी!

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Introduction:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फ्रांस दौरा इतिहास के एक अनकहे पन्ने को फिर से जीवित कर गया है। जब पीएम मोदी फ्रांस के खूबसूरत शहर मार्सिले पहुंचे, तो उन्होंने एक ऐसे व्यक्ति को याद किया, जिनकी बहादुरी ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी थी—वीर सावरकर। लेकिन क्या आपको पता है कि मार्सिले शहर और वीर सावरकर के बीच क्या गहरा कनेक्शन है? यह कहानी न सिर्फ हमें वीर सावरकर के साहस और बलिदान की याद दिलाती है, बल्कि यह भी बताती है कि हमारे इतिहास में छिपे कई महत्वपूर्ण तथ्य आज भी हमें चौंका सकते हैं।

1. वीर सावरकर और मार्सिले का ऐतिहासिक कनेक्शन:
8 जुलाई 1910 का दिन भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ था, जब ब्रिटिश साम्राज्य ने स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर को गिरफ्तार किया और उन्हें ब्रिटिश जहाज ‘मोरिया’ के जरिए भारत लाने का निर्णय लिया। लेकिन सावरकर ने उस दिन कुछ ऐसा किया, जिसे आज भी लोग याद करते हैं। मार्सिले के तट के पास एक ऐतिहासिक प्रयास हुआ था, जब उन्होंने जहाज से कूदकर भागने की योजना बनाई। यह साहसिक प्रयास उनकी जिद्द और देशभक्ति को दर्शाता है, और यही कारण है कि पीएम मोदी ने फ्रांस दौरे के दौरान इसे याद किया।

2. सावरकर ने क्या किया था?
ब्रिटिश अधिकारियों से गिरफ्तारी के बावजूद, वीर सावरकर ने अपनी साहसिकता का परिचय दिया। उन्होंने जहाज के छोटे गोलाकार खिड़की (पोर्टहोल) से बाहर निकलने की कोशिश की और तैरते हुए मार्सिले के तट तक पहुंचने का प्रयास किया। हालांकि, उनकी यह कोशिश असफल रही, और उन्हें फिर से पकड़कर ब्रिटिश अधिकारियों को सौंप दिया गया। इस घटना ने न सिर्फ सावरकर के साहस को प्रदर्शित किया, बल्कि एक बड़े कूटनीतिक विवाद को भी जन्म दिया।

3. पीएम मोदी का श्रद्धांजलि और संदेश:
प्रधानमंत्री मोदी ने इस ऐतिहासिक घटना को याद करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा—‘भारत की स्वतंत्रता की खोज में इस शहर का विशेष महत्व है। यहीं पर महान वीर सावरकर ने साहसपूर्वक भागने का प्रयास किया था। मैं मार्सिले के लोगों और उस समय के फ्रांसीसी कार्यकर्ताओं को भी धन्यवाद देना चाहता हूँ, जिन्होंने मांग की थी कि उन्हें ब्रिटिश हिरासत में न सौंपा जाए। वीर सावरकर की बहादुरी आज भी पीढ़ियों को प्रेरित करती है।’

यह बयान न केवल वीर सावरकर के योगदान को सम्मानित करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि स्वतंत्रता संग्राम के नायक हमें आज भी प्रेरणा देते हैं।

4. सावरकर की क़ैद और बलिदान:
सावरकर के इस साहसिक प्रयास के बावजूद, उन्हें अंडमान-निकोबार द्वीप समूह की सेल्युलर जेल में आजीवन कारावास की सजा दी गई। लेकिन उनका साहस और बलिदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अमर प्रतीक बन गए। उनका त्याग आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।

5. पीएम मोदी का फ्रांस दौरा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस:
पीएम मोदी ने अपने फ्रांस दौरे के दौरान पेरिस में आयोजित एआई एक्शन समिट में भी हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि कैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन रहा है, और साथ ही साइबर सुरक्षा और गलत सूचना के खतरों पर भी चर्चा की। यह कार्यक्रम भारत और फ्रांस के बीच बढ़ती हुई साझेदारी को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।

Conclusion:
यह था वीर सावरकर और मार्सिले शहर की वो ऐतिहासिक कहानी, जिसने हमें साहस और दृढ़ संकल्प की एक नई परिभाषा दी। सावरकर के साहसिक प्रयास और बलिदान ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को नया आयाम दिया। पीएम मोदी का यह संदेश न सिर्फ हमें हमारे नायकों को याद करने का अवसर देता है, बल्कि हमें यह भी बताता है कि इतिहास के पन्नों में छुपी कई कहानियाँ हमें आज भी प्रेरणा दे सकती हैं।

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