दिल्ली चुनाव 2025: आतिशी Vs बिधूड़ी – BJP की गुंडागर्दी या AAP की साजिश?
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में एक नए मोड़ पर पहुंच चुका है। सियासत के इस दंगल में जहाँ मुख्यमंत्री आतिशी ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं, वहीं बीजेपी उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी ने इन आरोपों को सिरे से नकारा किया है। इस लेख में हम जानेंगे कि क्या वाकई बीजेपी ने चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन किया है, या यह सिर्फ एक चुनावी रणनीति का हिस्सा है?

आतिशी का आरोप: बीजेपी की गुंडागर्दी और पुलिस का पक्षपाती रवैया
दिल्ली के मुख्यमंत्री, आतिशी ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि बीजेपी के प्रत्याशी रमेश बिधूड़ी के समर्थक चुनावी आचार संहिता की धज्जियाँ उड़ा रहे हैं और दिल्ली पुलिस इन उल्लंघनों पर आंखें मूंदे हुए है। आतिशी के अनुसार, बीजेपी चुनावी नियमों का खुलेआम उल्लंघन कर रही है और दिल्ली पुलिस उनकी मदद कर रही है।
आतिशी ने आरोप लगाया कि रमेश बिधूड़ी के समर्थक चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित कर रहे हैं, और जब आम आदमी पार्टी ने इस पर शिकायत की, तो पुलिस ने उल्टा आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को रात भर थाने में बंद रखा।
रमेश बिधूड़ी का पलटवार: कानून और संविधान का उल्लंघन?
इस मुद्दे पर बीजेपी के उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी ने कहा कि मुख्यमंत्री आतिशी को ऐसे आरोप लगाने से पहले कानून और संविधान का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आतिशी खुद गुंडागर्दी कर रही हैं और उन्होंने यूपी से 30-40 बाहरी लोगों को दिल्ली चुनाव में शामिल किया है। बिधूड़ी ने यह भी आरोप लगाया कि आतिशी की पार्टी के कार्यकर्ता चुनावी नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, और इस पर पुलिस ने कार्रवाई की है।
क्या सच में दिल्ली चुनाव में कुछ गड़बड़ हो रही है?
अब सवाल यह उठता है कि दिल्ली चुनाव में जो आरोप-प्रत्यारोप हो रहे हैं, वे जनता को गुमराह करने की कोशिश हैं या वाकई दिल्ली के लोकतंत्र पर कोई खतरा मंडरा रहा है? क्या दिल्ली में सियासत के इस खेल के पीछे कोई बड़ी साजिश है?
इस विवाद से साफ है कि दिल्ली चुनाव में दोनों प्रमुख दल एक दूसरे को कटघरे में खड़ा करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे। जहां एक ओर आतिशी बीजेपी के खिलाफ आरोप लगा रही हैं, वहीं बिधूड़ी और उनकी पार्टी का कहना है कि ये आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं।
क्या दिल्ली की जनता इन आरोपों को समझ पाएगी?
दिल्ली के चुनावी माहौल में यह आरोप और प्रत्यारोप जनता को गुमराह करने के लिए हो सकते हैं, लेकिन यह भी एक रणनीति हो सकती है ताकि जनता का ध्यान किसी और दिशा में जाए। चुनावी रणनीतियों में इस तरह के आरोप-प्रतियोग का होना कोई नई बात नहीं है। अब देखना यह है कि क्या चुनाव आयोग इस पर कोई ठोस कार्रवाई करेगा या ये आरोप सियासी खेल का हिस्सा बने रहेंगे।
आपकी राय क्या है?
दिल्ली चुनाव में हो रहे इन आरोपों और प्रत्यारोपों को लेकर आपकी क्या राय है? क्या बीजेपी वाकई गुंडागर्दी कर रही है, या ये सब आम आदमी पार्टी की चुनावी रणनीति का हिस्सा है? हम आपके विचार जानने के लिए उत्सुक हैं। नीचे कमेंट में अपनी राय जरूर साझा करें।