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पुलवामा हमले की बरसी: शहीदों को श्रद्धांजलि

शीर्षक:

“पुलवामा हमले की बरसी: हमारे शहीदों की शहादत को सलाम”

परिचय:

14 फरवरी 2019 का वह काला दिन जब देश ने अपने 40 वीर जवानों को खो दिया था। पुलवामा आतंकी हमले की छठी वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति दोहराई। इस ब्लॉग में जानिए मोदी सरकार की आतंकवाद के खिलाफ रणनीति और शहीदों के बलिदान की सच्चाई।

पुलवामा हमला: एक काला दिन

14 फरवरी 2019 को पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने जम्मू और कश्मीर के पुलवामा में CRPF जवानों की बस को निशाना बनाकर एक बम विस्फोट किया, जिससे 40 जवान शहीद हो गए। यह हमला न केवल हमारे जवानों की शहादत की ओर इशारा करता है, बल्कि देश के लिए एक बड़ा आघात था।

हमले के बाद: बालाकोट एयर स्ट्राइक और हमारी दृढ़ता

इस कायराना हमले के बाद भारत सरकार ने त्वरित और सख्त कार्रवाई की। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर एयर स्ट्राइक की। यह स्ट्राइक आतंकवादियों के खिलाफ भारत का सीधा और कड़ा संदेश था कि हम अपने वीरों की शहादत को व्यर्थ नहीं जाने देंगे।

मोदी और शाह का संदेश: आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस

पुलवामा हमले की छठी बरसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति को फिर से स्पष्ट किया। मोदी जी ने इस हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनकी शहादत कभी नहीं भूली जाएगी और आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई जारी रहेगी। वहीं, अमित शाह ने आतंकवादियों के खात्मे का संकल्प लिया और कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी नीति को और कड़ा करेगा।

निष्कर्ष: शहीदों की शहादत कभी नहीं भूलेगा भारत

आज भी पुलवामा के शहीदों का बलिदान हमारे दिलों में जीवित है। प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह का यह संदेश न केवल हमारे शहीदों की शहादत को याद करता है, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ हमारी दृढ़ता को भी प्रदर्शित करता है।

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